शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

रविवार, 13 दिसंबर 2009

Governing body and Sub Commitees


Patrons:

1. Prof. B.N. Pandey
2. .......
3. ........

Advisory Board:

Prof B.P. Singh
Prof Y Singh
Dr. Guru Gyan Singh

Central Executive Committee

National President
: Prof. H.N. Tiwari
National Coordinator: Dr. V.N. Tripathi

Vice Presidents :
Mr. Harishchandra Tiwari
Mr. S.K. Pandey

Secretory : Mr. A.N. Pandey

Joint Secretories :
Dr. Satish Chandra
Pt. Anjani Kumar

Treasurer: Mr. Manvendra Singh


उप समितियां (Sub Committees) :

. पर्यावरण एवं सांस्कृतिक उपसमिति (Environmental and Cultural Sub Committee)
गतिविधियाँ : पर्यावरण संरक्षण हेतु जन जागृति का प्रयास करना तथा प्रकृति पूजा को प्रोत्साहित करने वाले धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करना । फिलहाल , इस उप समिति द्वारा दिनांक २१ अक्टूबर २००७ से इलाहबाद में गंगा तट (रसूलाबाद स्नान घाट ) पर प्रतिदिन गंगा आरती की जाती है और गंगा दशहरा तथा अन्य मुख्य पर्वों पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

. मित्र वाटिका (Mitra Vaatikaa)

गतिविधियाँ : समाज में भाई - चारे को बढ़ावा देना तथा स्थानीय स्तर पर (विशेषतया, बद्री आवास योजना, न्यू मेंहदौरी, इलाहबाद एवं आस पास के निवासियों की ) सामान्य नागरिक समस्याओं के निराकरण हेतु प्रयास करना।

. न्यायिक उप समिति (Judicial Sub Committee)

गतिविधियाँ : इलाहबाद उच्च न्यायालय के कार्यालयों में अधिवक्ताओं, मुंशियों एवं वादकारियों के समक्ष किसी के भी अनुचित आचरण द्वारा आने वाली आम समस्याओं के प्रति जागरूक रहना तथा विधि व्यवसाय के क्षेत्र में नैतिक आदर्शों के पालन हेतु उक्त सभी को प्रेरित करना।

4. Legastrology cell

Activities: Astrological research in the field of Law and legal system. It will focus on impact of planets on Law and legal system and will also include realist theory of Jurisprudence and predictions by social and political scientists .

5. Moot Court and Debate Sub committee:

Activities: Organizing symposiums, moot Courts, Debates, Lecture competition etc.

शनिवार, 12 दिसंबर 2009

प्रयाग (इलाहबाद), वाराणसी एवं गोरखपुर

सामाजिक विधिक प्रचेतन समिति का मुख्य कार्यालय प्रयाग (जिसे आधुनिक बोलचाल की भाषा में इलाहबाद कहा जाता है ) में है। यद्यपि, समिति किसी भौगोलिक या पान्थिक / धार्मिक सीमा में संकुचित नहीं है, फ़िर भी, यह अपने उद्भव क्षेत्र प्रयाग एवं प्रेरणा क्षेत्र काशी /वाराणसी एवं गोरखपुर से विशेष लगाव रखती है। इन स्थानों के बारे में जानने के लिए कृपया इनके नामों पर क्लिक करें। वाराणसी के बारे में और जानने के लिए यहाँ भी क्लिक करें